A Review Of piles treatment medicine
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जब बवासीर की नसें फट जाती हैं और खून निकलता है, तो उसे खून वाली बवासीर कहते हैं।
ग्रेड I : इस अवस्था में बवासीर छोटी होती है। वे गुदा के अंदर स्थित होने के कारण दिखाई या महसूस नहीं हो सकते हैं।
ऊपर दिए गए लक्षणों को आप बाहरी बवासीर में अनुभव करेंगे।
भारी सामान उठाने से बचें : भारी सामान उठाने से भी गुदा और मलाशय के आसपास की नसों पर दबाव पड़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है। उचित तकनीक का प्रयोग करें और बहुत भारी वस्तुओं को उठाने से बचें।
बवासीर सभी उम्र और लिंग के लोगों को प्रभावित करता है। लेकिन, यह स्थिति ५० से ६० वर्ष के आयु वर्ग के लोगों में अत्यधिक सामान्य है।
आहार में ताजे फल और सब्जियां शामिल करें
बवासीर में गुदा के अंदर और बाहर नसें फूल जाती हैं. जब यह अंदर होती है तो इसे इंटरनल हेमोरॉयड्स कहा जाता है और जब बाहर get more info होती है तो इसे एक्सटर्नल हेमोरॉयड्स कहा जाता है.
खास जरूरत पड़े तो डॉक्टर की सलाह से सर्जिकल या औषधीय विकल्प भी अपनाएं।
विस्तृत रोगी इतिहास : इसमें लक्षणों की सीमा, गंभीरता और अवधि, मल त्याग की आवृत्ति, संबंधित लक्षण (जैसे, कब्ज, मल असंयम), दैनिक आहार की आदतें, और मल त्याग का विवरण (जैसे, प्रत्येक मल त्याग और उसके दौरान बिताया गया समय) शामिल होना चाहिए।
डॉक्टर बटलर: जलन, खुजली, ब्लीडिंग को कम करने में मदद करता है।
बवासीर के लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय सबसे प्रभावी हैं?
रोजाना सुबह खाली पेट आंवला का रस या त्रिफला चूर्ण गर्म पानी के साथ लें। यह पाचन को दुरुस्त करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
मस्सों को छुए या दबाएं नहीं, नियमित रूप से सफाई करें।
नियमित रूप से वॉकिंग, योग या साइकलिंग जैसी हल्की कसरत करने से डाइजेशन बेहतर होता है और कब्ज की समस्या नहीं होती, जिससे पाइल्स का खतरा घटता है.